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शारदीय नवरात्रि: शक्ति को सँजोने का अवसर

शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ हो चुका है और 3 अक्टूबर 2024 से शारदीय नवरात्रि शुरू हो गई है. इस दिन मां का आगमन हो जाता है घर में और घर का माहौल पूरी तरीके से पवित्र हो जाता है . हर व्यक्ति अपने भीतर एक अलग तरह की ऊर्जा महसूस करता है. या ऊर्जा व्यक्ति को सकारात्मक रखती है और व्यक्ति को ध्यान तथा ईश्वर के पूजा पाठ में रत रहने के लिए प्रेरित करती है।
शारदीय नवरात्रि लगभग हर सनातन धर्म मानने वाले घर में मनाई जाती है और इस दिन मां दुर्गा जो कि शक्ति स्वरुपा हैं उनके शैलपुत्री रूप की पूजा की जाती है। महिलाएं सुहाग के सभी चिन्हों को धारण कर पूरे तन-मन धन से पूजा अर्चना करती हैं और पूरे परिवार को इसमें शामिल करने के लिए तत्पर रहती है। कोई भी पूजा पाठ तब तक अच्छा नहीं लगता जब तक परिवार के सभी सदस्य एक साथ मिलकर पूजा नहीं करते। कहा जाता है कि अगर कोई परिवार साथ में पूजा करता है तो उस परिवार में कभी बिखराव या टूटन नहीं होती है । वह परिवार हमेशा जुड़ा रहता है क्योंकि ईश्वर की शक्ति परिवार के सभी सदस्यों को एक मजबूत बंधन में बांध देती है। जिस घर में परिवार के सभी सदस्य एक साथ मिलकर पूजा-अर्चना , यज्ञ आदि करते हैं और पाठ करते हैं उसे घर में हमेशा खुशियों का वास रहता है।

women during traditional ceremony image via pexel.com
Photo by Dibakar Roy on Pexels.com


प्रथम दिवस : “माँ शैलपुत्री” दुर्गा पूजा का पहला दिन मां शैलपुत्री का दिन होता है और शैलपुत्री अर्थात हिमवान की पुत्री।
दुर्गा पूजा में पहले दिन की शुरुआत आप अपने घर में तोरण द्वार लगाकर कलश की स्थापना करके और सभी लोग नव नूतन वस्त्र धारण करके पूजा अर्चना कर सकते हैं।
शरद ऋतु की आगमन पर हर व्यक्ति को अपने शरीर को शुद्ध करने की आवश्यकता होती है और इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए शारदीय नवरात्रि में पूजा -अर्चना की जाती है। सनातन धर्म मानने वाले सभी घरों में अगर कलश की स्थापना हुई है तो उस घर में उपवास किया जाता है । लोग मां दुर्गा की पूरे दिन उपवास कर पूजा करते हैं यह उपवास दिनचर्या का एक ऐसा कारण है जो कि हमारे शरीर को भीतर से स्वच्छ करने के साथ-साथ हमारे मन को भी स्वच्छ करता है।

आजकल लोगों में अपने शरीर को डिटॉक्स करने का बहुत ज्यादा प्रचलन है । लोग अलग-अलग तरीके खोजते हैं ताकि शरीर को डिटॉक्स कर सके और स्वस्थ रह सके। दोस्तों उपवास शरीर को डिटॉक्स करने का एक अच्छा माध्यम है। अगर आप अपने शरीर को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो उपवास कर सकते हैं। उपवास में आप अपने शरीर को पर्याप्त जल तथा पेय पदार्थ देकर अपने शरीर को आराम दे सकते हैं । कहा जाता है हमारे शरीर में यह क्षमता होती है कि वह अपने आप को स्वयं ठीक करने लगता है । अगर हम शारदीय नवरात्रि में अपने शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोषण देते हुए उपवास करते हैं तो हम अपने शरीर के साथ-साथ अपनी बीमारियों पर भी विजय प्राप्त कर सकते हैं और अपनी इच्छाओं पर को भी जीत सकते हैं। हमारे मन में जो अलग-अलग चीजें खाते रहने का लालच होता है उसे भी हम कम कर सकते हैं ।

तो दोस्तों इस दुर्गा पूजा अपने आप को challenge कीजिए कि हम वे चीजें नहीं खाएंगे जो हमें बीमार करती हैं या हमारे लिए स्वास्थ्यकर नहीं है। अपनी जीवन शैली को इस प्रकार बनाएं कि यह आपके तन के साथ-साथ आपके मन को भी शुद्ध करे और आपका आचरण भी शुद्ध हो।

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