मुख्यमंत्री मईयां सम्मान योजना : “महिलाओं की भावनाओं के साथ हो रहा खिलवाड़” डॉ कविता परमार
बागबेड़ा- कीताडीह की जिला पार्षद डॉक्टर कविता परमार ने झारखंड सरकार द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री मईयां सम्मान योजना के क्रियान्वयन में आ रही गड़बड़ी के प्रति असंतोष व्यक्त करते हुए कहा है कि सरकार ने चुनाव को देखते हुए हड़बड़ी में बिना तैयारी के योजना की घोषणा कर दी है । जिसके तहत 21 से 50 वर्ष की महिलाओं को ₹1000 रुपया प्रति माह दिया जाना है ।
3 अगस्त से योजना कि शुरुआत की गई थी लेकिन इस योजना के क्रियान्वयन में पहले दिन से ही तकनीकी खामियाँ देखने को मिल रही है । महिलाएं दूर- दराज से बारिश में पैदल केंद्र तक आशा के साथ आती है लेकिन उनसे यह शिकायत सुनने को मिल रही है एक केंद्र पर मुश्किल से 10 से 20 फॉर्म ही भरे गए हैं। सभी महिलाएं अपना काम छोड़कर केंद्र पर सुबह से ही लाइन में लगती है लेकिन निराश होकर वापस चली जाती हैं क्योंकि सर्वर डाउन होने के कारण महिलाओं के फॉर्म जमा नहीं किए जा रहे हैं।
जिला पार्षद कविता परमार ने कहा कि पहले फॉर्म की उपलब्धता केंद्रों पर बहुत ही कम थी । फिर सर्वर की समस्या के कारण फॉर्म अपलोड ही नहीं हो पाए और अब जेरोक्स कॉपी के माध्यम से फॉर्म जमा किया जा रहा है । अब एक नई समस्या से महिलाओं को जूझना पड़ रहा है क्योंकि अब बिना रिसीविंग दिए हुए महिलाओं को भेज दिया जा रहा जिससे बड़े पैमाने पर महिलाओं में असंतोष और सरकार के प्रति आक्रोश देखने को मिल रहा है।
आज जिला पार्षद कविता परमार विभिन्न केंद्रों पर जायजा लेने पहुंची तो महिलाओं ने उन्हें समस्याओं से अवगत कराया । कई केंद्रों पर खामियाँ देखने के बाद उन्होंने महिलाओं को समस्या के समाधान के लिए आवश्यक कदम उठाने की बात कही ।
उन्होनें झारखंड सरकार से आग्रह किया है कि वह इस योजना को तय तिथि सीमा में ना रखे बल्कि नियमित प्रक्रिया के तहत जारी रखे । जो विसंगतिया फॉर्म जमा करने और योजना के क्रियान्वित होने में आ रही है उन सब बिंदुओं को गंभीरता पूर्वक ध्यान में रखे और सही कार्ययोजना बनाकर योजना को क्रियान्वित किया जाए।
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