नरेंद्र मोदी की नजर में चंपई सोरेन ही है कोल्हान भाजपा का भविष्य
जमशेदपुर : विगत 15 सितंबर को जमशेदपुर में प्रधानमंत्री के द्वारा दिए गए चुनावी भाषण के बाद से फिज़ा बदल गई है । लगातार हो रही बारिश के बावजूद भी सड़क मार्ग से प्रधानमंत्री का रांची से जमशेदपुर आने का निर्णय ने सभी विरोधियों के माथे पर बल ला दिया है । कोल्हान की धरती पर आए प्रधानमंत्री ने मंच पर सिर्फ दो नेताओं से हाथ मिलाए । एक पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन और दूसरे उनके बेटे बाबूलाल सोरेन ।

घाटशिला विधानसभा से बाबूलाल सोरेन का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है । प्रधानमंत्री के पास जो कोल्हान भाजपा के नेताओं की फीडबैक पहुंची है उसके अनुसार उन्हें मालूम है कि आज किसी भी भाजपा नेता के पास जनाधार नहीं बचा है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसलिए चंपई सोरेन को ज्यादा तरजीह भी दे रहे है क्योंकि उन्हें मालूम है कि चंपई सोरेन जनाधार वाले नेता है । उनका जनाधार सिर्फ सरायकेला सीट ही नहीं बल्कि पोटका, खरसावां, चाईबासा, घाटशिला और मंझारी विधानसभा में भी है ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चंपई सोरेन को विशेष तरहीज दिए जाने से अर्जुन मुंडा बहुत ज्यादा खुश तो नहीं है लेकिन अर्जुन मुंडा को भी मालूम है कि आज कि तारीख में उनकी अपनी साख खरसावां में नहीं बची है । अर्जुन मुंडा अगर खरसावां विधानसभा से लड़ते है तो इनकी नैया भी चंपई सोरेन के बदौलत ही पार लग सकेगी । अर्जुन मुंडा को खरसावां के लोग अब संभ्रांत वर्ग के नेता मानते है जिनका जमीन से रिश्ता कट चुका है ।
कोल्हान भाजपा के कमोबेस सभी बड़े नेता का यही हाल है । किसी के पास भी अपना खुद का वोट बैंक नहीं है जो है वो सिर्फ भाजपा के नाम पर ही है । दिनेशानंद गोवस्वामी को भले ही सभी बड़े मंच पर स्थान मिल जाता है लेकिन बहरागोड़ा में उनकी अपनी खुद की पकड़ कभी नहीं रही है । चाईबासा में जे बी तुबिद सालों से संघर्ष कर रहे है लेकिन चाईबासा में कोई प्रभाव नहीं डाल पा रहे है । पोटका भाजपा अपनी गुटबाजी के कारण बदनाम है । चंपई सोरेन के आने से पार्टी को सिर्फ सरायकेला ही नहीं बल्कि पूरे कोल्हान के आदिवासी सीटों पर एक मजबूती मिली है । साथ ही संथाल परगना में हेमंत सोरेन को घेरने का एक हथियार भी भाजपा को मिल गया है।