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सोने की कीमत क्यों बढ़ती है ?

gold bar and ornaments

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सैकड़ों सालों से सोना एक कीमती धातु रहा है । पुराने जमाने में सिर्फ राजा , रानियों या अमीर लोगों के पास ही सोना होता था ।आम जनता की पँहुच सोने जैसी धातुओं तक नहीं होती थी । लेकिन धीरे धीरे समय के साथ सत्ता के विकेन्द्रीकरण और आर्थिक स्तर पर उठाए गए अनेक कदमों के कारण सोना लोगों की पँहुच में आया । परंतु यह बदलाव सिर्फ कुछ प्रतिशत लोगों को ही प्रभावित कर पाया । सोने को सदियों से मुद्रा, आभूषण और निवेश के रूप में उपयोग किया जाता रहा है। समय और कई अन्य कारकों से इसकी कीमतें प्रभावित होती हैं, जिनमें वैश्विक अर्थव्यवस्था, मुद्रास्फीति, ब्याज दरें, भौगोलिक और राजनीतिक अस्थिरता और निवेशकों की मांग शामिल हैं।

वैश्विक अर्थव्यवस्था: जब विश्व की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है, तो सोने की कीमतें आमतौर पर कम होती हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि निवेशक शेयरों और बॉन्ड जैसे अन्य परिसंपत्तियों में निवेश करना पसंद करते हैं, जिनसे अधिक रिटर्न मिलने की उम्मीद होती है। हालांकि, जब अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता होती है, तो सोने को एक सुरक्षित निवेश माना जाता है और इसकी कीमतें बढ़ जाती हैं।

मुद्रास्फीति: मुद्रास्फीति अर्थात किसी भी मुद्रा की कीमत का कम होना। मुद्रास्फीति को सोने की कीमतों को प्रभावित करने वाला सबसे बड़ा कारक माना जाता है। जब मुद्रास्फीति अधिक होती है, तो मुद्रा का मूल्य कम हो जाता है और सोने की कीमतें बढ़ जाती हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि सोने को मुद्रास्फीति के खिलाफ एक बचाव माना जाता है क्योंकि सोने का अपना एक आंतरिक मूल्य होता है जो समय के साथ अपेक्षाकृत स्थिर रहता है। इसके साथ ही साथ सोने की आपूर्ति सीमित है, जिससे मुद्रास्फीत के समय इसकी माँग बढ़ जाती है और सोना मंहगा हो जाता है। अब भी सोने को एक सुरक्षित निवेश माना जाता है जब कागजी मुद्रा का मूल्य गिर रहा हो क्योंकि सोने को मुद्रा का एक विकल्प माना जाता है। सरल शब्दों में अगर कहा जाए तो हम इस बात को इस प्रकार समझ सकते हैं कि जब चीजों की कीमतें बढ़ती हैं तो सोने का मूल्य भी बढ़ता है, जिससे आपकी खरीदने के शक्ति बनी रहती है।

मान लीजिए आपके पास 100 रुपये हैं और आप 1 किलो चावल खरीद सकते हैं। अगर मुद्रास्फीति के कारण चावल की कीमत बढ़कर 120 रुपये हो जाती है, तो आपके 100 रुपये से अब 1 किलो चावल नहीं खरीदा जा सकता लेकिन अगर आपने सोने में निवेश किया होता, तो सोने का मूल्य भी बढ़ता और आप अभी भी 1 किलो चावल खरीद सकते थे।

ब्याज दरें: ब्याज दरें भी सोने की कीमतों को प्रभावित करती हैं। जब ब्याज दरें अधिक होती हैं, तो सोने में निवेश करने की अवसर लागत बढ़ जाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि निवेशक सोने में निवेश करने के बजाय उच्च ब्याज दरों पर पैसा उधार देना पसंद करते हैं।

भू-राजनीतिक अस्थिरता: भू-राजनीतिक अस्थिरता के कारण भी सोने की कीमत बढ़ जाती सकती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि निवेशक अनिश्चित समय में सोने को एक सुरक्षित निवेश मानते हैं।

निवेशकों की माँग: सोने की कीमतें निवेशकों की माँग से भी प्रभावित होती हैं। जैसे जब लोग सोना ज्यादा खरीदते हैं तो सोने की कीमत बढ़ जाती है।

सोने की कीमतों को प्रभावित करने वाले अन्य कारक:

अतिरिक्त जानकारी:

कृपया ध्यान दें: यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और इसे वित्तीय सलाह नहीं माना जाना चाहिए।

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