जमशेदपुर: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार जनता के बीच यह संदेश देने में सफल रही है कि पीएम हो या सीएम अगर अपराध करेंगे और सजा होगी तो पद से हाथ धोना पड़ेगा । लोक सभा में केंद्रीय गृह मंत्री ने जो बिल पेश किया है वह काबिलेतारिफ है । इससे राजनीति में वैसे नेताओं पर नकेल कसेगा जो जेल में रहकर भी सरकार का हिस्सा बने रहना चाहते है ।
विपक्ष भले ही इस बिल के विरोध में जो भी बोले लेकिन आम जनता इसे अच्छा मानती है । जनता को लग रहा है कि यह बिल अपराधिक छवि वाले नेताओं के लिए जरूरी है या फिर केजरीवाल सरीखे नैतिकता खोने वाले नेताओं को इससे सबक मिल सकेगा । दरअसल देश के संविधान निर्माताओं ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि भविष्य में देश में ऐसे नेता भी पैदा होंगे जो जेल जाकर भी मंत्री और सीएम रहते इस्तीफा नहीं देंगे ।
यह बिल राजनीतिक में शुचिता को लाएगी और गंभीर अपराधिक छवि वाले नेताओं को सत्ता से दूर रखेगी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार की सभा में कहा भी कि जब एक चपरासी को जेल जाने पर नौकरी से इस्तीफा देना पड़ता है तो पीएम और सीएम को क्यों नहीं देना होगा । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मालूम है कि देश की जनता साफ सुथरे छवि वाले नेताओं को पसंद करती है । अब इस बिल के विरोध में सभी राजनीतिक दल आ गए है और इसे संविधान विरोधी और तानाशाही बिल बता रहे है । दअरसल ज्यादारत राजनीतिक दलों के प्रमुख नेता पर कोई न कोई भ्रष्टाचार या अपराध का मुकदमा है । उन्हें यही डर है कि इस बिल से उनका राजनीतिक भविष्य संकट पर पड़ सकता है । यही कारण है कि वे इस बिल का विरोध कर रहे है ।