मेनका सरदार पोटका में आज भी प्रासंगिक है
जमशेदपुर: झारखंड में विधानसभा चुनाव नंबर 2024 को संपन्न हुए थे । इस चुनाव में भाजपा को करारी मात मिली थी । कोल्हान प्रमंडल में भाजपा सिर्फ दो सीट सरायकेला और जमशेदपुर पूर्वी ही जीत सकी थी । कोल्हान के सभी आठ आदिवासी रिजर्व सीटों में जेएमएम ने भाजपा को पटखनी दी थी ।
पोटका विधानसभा से भाजपा ने तीन बार विधायक रही मेनका सरकार का टिकट काट कर पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा को टिकट दिया था । मीरा मुंडा की इस चुनाव में बुरी तरह से हारी थी । जेएमएम के संजीव सरदार ने उन्हें हराया था । भाजपा को पोटका विधानसभा की अंदरूनी गुटबाजी बहुत भरी पड़ी थी । मेनका सरकार को टिकट नहीं दिए जाने से भाजपा के भूमीज वोटर्स में नाराजगी थी ।
चुनाव सम्पन्न होने के बाद से पूर्व विधायक मेनका सरकार की सक्रियता पोटका विधानसभा से बहुत कम देखने को मिलती है । मीरा मुंडा के चुनाव हारने के बाद भी पार्टी उन्हें पोटका विधानसभा के अर्द्धशहरी मंडलों की बैठकों में बुलाती है । गौरतलब है कि मीरा मुंडा पोटका विधानसभा क्षेत्र में नहीं रहती है जबकि मेनका सरदार का हाता में अपना घर है । इसके बावजूद पोटका विधानसभा भाजपा के मंडलों में जो बैठके होती है उसमें मीरा मुंडा को आमंत्रित किया जाता है लेकिन मेनका सरदार को नहीं बुलाया जाता है ।
क्या ऊपर से भाजपा और कार्यकर्त्ता को यह संदेश दिया गया है पोटका में अब सिर्फ मीरा मुंडा को ही तरहीज देना है । यानी यह मान लिया गया है कि आगामी विधानसभा चुनाव में भी मीरा मुंडा ही पोटका से भाजपा प्रत्याशी होंगी । लोकप्रियता के पैमाने पर देखा जाए तो मेनका सरदार अपने क्षेत्र में और कार्यकर्ताओं के बीच अभी भी ज्यादा लोकप्रिय है । मेनका सरदार सहज रूप से हमेशा उपलब्ध रही है और यही कारण है कि जनता ने उन्हें तीन बार पोटका से विधायक चुना था । लेकिन राजनीति में कोई चीज स्थाई नहीं होता है और कार्यकर्त्ता भी अपनी वफादारी वर्तमान के साथ दिखाते है ।
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