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जमशेदपुर पश्चिमी विधानसभा में भाजपा को नहीं मिल रहा है जननेता

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भाजपा झारखंड में चुनाव की तैयारी में जुट गई है लेकिन उसके पास सबसे बड़ी समस्या जमशेदपुर पश्चिमी विधानसभा सीट को लेकर है । सरयू राय के पूर्वी से विधायक बनने और पार्टी से अलग होने के बाद इस विधानसभा में भाजपा के एक भी नेता ने कभी बन्ना गुप्ता या सरकार के खिलाफ एक बयान तक नहीं दिया है । मंत्री बन्ना गुप्ता के साथ सांठ गांठ करके राजनीति करने वाले भाजपाई अब दुविधा में है । प्रदेश नेतृत्व ने भी कभी भाजपाइयों के इस गुप्त मिलीभगत पर कोई एक्शन नहीं लिया । फलस्वरूप अब इस विधानसभा में भाजपा ,कांग्रेस की बी टीम बन गई है ।

हालांकि भाजपा नेता विकास सिंह जरूर पिछले पांच साल से मंत्री बन्ना गुप्ता को सभी मौके पर घेरने का काम करते रहे है । लेकिन उनको भाजपा संगठन का सहयोग नहीं मिला है । सोनारी, कदमा, साकची, बिस्टूपर मंडल ने कभी भी कोई कार्यक्रम अपने मंडल क्षेत्र में सरकार या मंत्री बन्ना गुप्ता के खिलाफ नहीं किया है।  क्षेत्र की जनता भी इन चीजों को समझ रही है ।

एक समय अभय सिंह की सक्रियता जरूर पश्चिमी विधानसभा में जोर पकड़ी थी लेकिन फिर बाद में वे परिदृष्य से गायब हो गए । आज स्तिथि यह है कि भाजपा के पास जमशेदपुर पश्चिमी विधानसभा में एक भी जननेता नहीं है जो सरकार से लड़ने भिड़ने का माद्दा रखता हो या फिर जनता की समस्याओं के प्रति संवेदनशील हो । अभी जो भी प्रत्याशी दावेदारी कर रहे है उनमें से कुछ बड़े होटल संचालक , रिटायर प्रशासनिक अधिकारी, वकील है जिन्हें इस विधानसभा की मूल समस्याओं की जानकारी नहीं है । यह एक जटिल विधानसभा है जहां अल्पसंख्यक वोटर्स भी है जो भाजपा की हार में बड़ी भूमिका निभाते आ रहे है । समस्याओं के मकड़जाल में उलझा हुआ एमजीएम हॉस्पिटल भी है जो बन्ना गुप्ता के स्वास्थ्य मंत्री रहते भी नहीं सुधर पाया है ।

अगर भाजपा इन बुझे हुए दावेदारों के साथ ही जायेगी चुनाव में तो निश्चित ही पार्टी यह सीट हारने वाली है ।

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