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“जैविक कृषि : एक परिचर्चा – समस्या और निदान”

image of programme on organic agriculture in galudih

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उर्विता संस्था द्वारा “जैविक कृषि : एक परिचर्चा – समस्या और निदान” कार्यक्रम आयोजित

सामाजिक संस्था उर्विता के तत्वावधान में “जैविक कृषि : एक परिचर्चा, समस्या और निदान” कार्यक्रम का आयोजन शर्मा फॉर्म, चंद्र रेखा गांव गालूडीह में किया गया जिसमें 40 प्रगतिशील जैविक कृषक और विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया।

चर्चा की शुरुआत करते हुए उर्विता की सचिव डॉ. नीना शर्मा ने कहा कि जैविक कृषि आज के समय की मांग है। यदि हम रासायनिक खाद और कीटनाशकों का धड़ल्ले से प्रयोग को नहीं रोकेंगे तो वह समय दूर नहीं जब घर-घर से गंभीर बीमारियों से पीड़ित व्यक्ति मिलेंगे। हमें अपने बच्चों के भविष्य के लिए जैविक कृषि अपनाना ही होगा।

कार्यक्रम के दौरान घाटशिला और आसपास के कई किसानों ने जैविक कृषि से संबंधित अपने अनुभवों को साझा किया और इसमें आ रही समस्याओं पर चर्चा करते हुए सामूहिक प्रयास से समाधान के लिए सहमत हुए।

कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक यज्ञ हवन से हुई जिसे पतंजलि सोशल मीडिया जिला प्रभारी नरेंद्र कुमार ने संपादित किया। कार्यक्रम के दौरान यूनिवर्सिटी आफ पैट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज देहरादून के विद्यार्थी मार्शल बानरा और यश कुमार को जो कि उर्विता संस्था में पिछले दो महीने से विभिन्न प्रोजेक्ट में इंटर्नशिप कर रहे थे सम्मानित किया गया। मौके पर सी डब्लू एस के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर राजेश मिश्रा, काशी साहू कॉलेज सरायकेला के प्रधानाध्यापक डॉ बी एन प्रसाद, सरस्वती शिशु विद्या मंदिर घाटशिला के प्राचार्य लखन करमाली, प्रगतिशील किसान बुद्धेश्वर महतो, समेत कई जैविक कृषक और विशेषज्ञ मौजूद थे।

कार्यक्रम के सफल आयोजन में उर्विता संस्था की असीमा त्रिपाठी, कल्पना महतो, रंजीत महतो, मंजू महतो, गुड्डू शर्मा, मार्शल बानरा और यश कुमार ने उल्लेखनीय भागीदारी निभाई।

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