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पूर्व सीएम चंपई सोरेन नगड़ी में करेंगे उलगुलान

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जमशेदपुर: झारखंड में पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने नगड़ी में किसानों की जमीन को लेकर चल रहे आंदोलन को नई धार देने की बात कही है । उन्होंने कहा कि नगड़ी में चल रहा किसानों का आंदोलन अब एक सामाजिक रूप लेता जा रहा है। इसी क्रम में आज “नगड़ी जमीन बचाओ संघर्ष समिति” ने यह निर्णय लिया कि वे लोग इस आंदोलन को सड़क से लेकर अदालत तक लड़ेंगे।

उन्होंने यह तय किया है कि अपनी जमीन पर इस अवैध सरकारी अतिक्रमण के खिलाफ वे लोग अदालत जाएंगे। इसके लिए उन्होंने पूरे झारखंड के आदिवासियों, मूलवासियों, किसानों एवं आम लोगों से सहयोग की अपील की है।

जो कोई भी इस आंदोलन को सहयोग करना चाहता हो, वो एक मुट्ठी चावल तथा कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए 10 रुपए की सहयोग राशि दे सकता है। अगर किसी के पास पैसे ना हो, तो वो लोग सिर्फ चावल देकर भी उनका समर्थन कर सकते हैं।

ये किसान सिर्फ अपनी जमीन नहीं, बल्कि वास्तव में अपने अस्तित्व को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं, क्योंकि एक बार विस्थापित होने के बाद उनके पास कुछ भी नहीं बचेगा। जिस जमीन का कभी अधिग्रहण ही नहीं हुआ, सरकार उसका अतिक्रमण कैसे कर सकती है? सिर्फ अपनी जिद की वजह से सरकार इस खेतिहर जमीन पर सीएनटी, ग्राम सभा तथा भूमि अधिग्रहण कानून के प्रावधानों का सीधा उल्लंघन कर रही है।

कोई इस जमीन के 1957 में हुए अधिग्रहण की बात कह रहा था। अगर यह सच है तब राज्य सरकार इन किसानों के साथ पूरी तरह से नाइंसाफी कर रही है, क्योंकि भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 की धारा 24 (2) में यह स्पष्ट किया गया है कि वैसी कोई भी भूमि, जिसका अधिग्रहण पहले शुरू हुआ हो और पूरा नहीं हुआ, अर्थात जिसमें मुआवजे के पैसे नहीं दिए गए अथवा जमीन पर कब्जा नहीं हुआ, तो उस भूमि को वापस करने का प्रावधान है।

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