जमशेदपुर: बिहार में कुछ ही महीनों बाद विधानसभा चुनाव होने वाले है । राजद और कांग्रेस एक तरफ वोट चोरी वाले नकारात्मक नैरेटिव के साथ रोड शो कर रही है । राहुल गांधी और तेजस्वी यादव लोगों को वोट चोरी के निराधार आरोपों के साथ बरगलाने का काम कर रहे है । भाजपा और नीतीश की सरकार जनता के बीच तमाम तरफ की लोक कल्याणकारी योजनाएं रोजाना प्रस्तुत कर रही है । वही प्रशांत किशोर इस बार एक नई दल के साथ चुनाव मैदान में आ रहे है । पिछले दो वर्षों से वे बिहार में पद यात्रा कर रहे है और जनता से संवाद बना रहे है ।
इन सभी के बीच में लालू यादव के बड़े बेटे और अब राजद से निष्कर्षित तेजप्रताप यादव ने भी अपने बैनर तले चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है । तेजप्रताप यादव खुलेआम बोल रहे है कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव जनता के बीच मुद्दों को लेकर नहीं जा रहे है । उनका कहना है कि SIR के माध्यम से जो नए वोटर्स को जोड़ने और अयोग्य को हटाने की प्रक्रिया है वह निर्वाचन आयोग देख रहा है । इसमें किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए और जिसका नाम कट गया है वो आयोग के पास जाकर अपना नाम जुड़वां सकता है ।
तेजप्रताप यादव ने एक तरह से अपने भाई तेजस्वी यादव और राहुल गांधी के द्वारा आयोग पर आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है । तेजप्रताप का कहना है कि जनता को शिक्षा , स्वास्थ्य, नौकरी जैसे मुद्दों की जरूरत है न कि निर्वाचन आयोग क्या कर रहा है उसकी । महुवा विधानसभा से तेजप्रताप ने चुनाव लड़ने की घोषणा भी कर दी है । अगर ऐसा होता है तो राजद के साथ सीधे टकराएंगे अब तेजप्रताप यादव । उन्होंने बिहार का मुख्यमंत्री बनने की भी इक्ष्छा व्यक्त की है । यह तेजस्वी यादव के लिए बहुत दुखद खबर है क्योंकि अब घर के ही सदस्य से उनको विरोध का सामना करना पड़ रहा है ।
चुनावी नतीजे क्या होंगे यह तो भविष्य के गर्भ में है लेकिन तेजप्रताप की सक्रियता से तेजस्वी और राहुल गांधी जरूर परेशान होंगे । राजद के लिए अब भाजपा के साथ साथ तेजप्रताप यादव भी एक चुनौती बनेंगे ।