जमशेदपुर: भाजपा बहरागोड़ा विधानसभा में वर्तमान विधायक समीर महंती पर अपना दांव खेल सकती है । इसके पीछे की वजह यह है कि पूर्व विधायक कुणाल सारंगी भाजपा से इस्तीफा दे चुके है और हेमंत सोरेन की कई बार तारीफ भी कर चुकें है। हेमंत सोरेन से कुणाल सारंगी के रिश्ते शुरू से मधुर है । समीर महंती को भी लगने लगा है कि उनके लिए इस बार टिकट की राह मश्किल होगी।
भाजपा के सबसे बड़े दावेदार दिनेशानंद गोस्वामी की क्षेत्र में पकड़ बहुत कमजोर है और भाजपा भी इसे जानती है । जमशेदपुर में रहने वाले दिनेशानंद को हाई लेवल नेता जनता मानती है जो ड्राइंग हॉल की राजनीति के लिए फिट है। भाजपा को भी आभास है की दिनेशानंद को टिकट देने से पार्टी के हारने की संभावना ज्यादा है । भाजपा भी एक स्थानीय मजबूत नेता की तलाश में है जो उनके पास अभी नहीं है । भाजपा के शीर्ष नेता अभी इंतजार में है और जेएमएम की गतिविधियों पर नजर बनाएं हुए है । दिनेशानंद की लॉबिंग अच्छी होने के कारण उन्हें टिकट का फायदा मिल जाता है लेकिन इस बार उनके लिए माहौल फील्ड में बिल्कुल विपरित है । भाजपा अगर समीर महंती पर अपना दांव खेलती है तो कोई बड़ी बात नहीं होगी । अंदरखाने खबर है कि समीर महंती भी भाजपा के नेताओं के संपर्क में है ।
समीर महंती की ग्रामीण क्षेत्र में स्तिथि ठीक है और वर्तमान विधायक होने के नाते हर लिहाज से दिनेशानंद गोवस्वामी से ज्यादा फील्ड में सक्रिय भी है ।