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बहरागोड़ा से पूर्व सांसद आभा महतो भाजपा से हो सकती है प्रत्याशी

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बहरागोड़ा: बहरागोड़ा विधानसभा में चुनाव इस बार काफी दिलचस्प होने वाला है । भाजपा अपने लिए जिताऊ प्रत्याशी खोज रही है । सूत्रों के अनुसार भाजपा वर्तमान विधायक समीर महंती और कुणाल सारंगी दोनों पर डोरे डाल रही है । इसके अलावा पूर्व सांसद आभा महतो के लिए भी जितने की संभावना को देखा जा रहा है । भाजपा की परिवर्तन यात्रा में अपेक्षा के अनुसार भीड़ नहीं होने की स्तिथि में शीर्ष नेतृत्व ने अन्य विकल्पों की तलाश शुरू कर दी है ।

अभी भाजपा के पास सिर्फ एक ही दावेदार दिनेशानंद गोस्वामी है जिनकी दावेदारी मजबूत है लेकिन पार्टी को उनके जितने की गारंटी नहीं है । जमीनी स्तर पर भाजपा को चाकुलिया ब्लॉक में जेएमएम से चुनौती मिल रही है । भाजपा को डर है कि अगर कुणाल सारंगी निर्दलीय लड़ते है तो वे भाजपा का वोट काटेंगे जिससे पार्टी की हार हो सकती है । भाजपा बहरागोड़ा विधानसभा में त्रिकोणीय मुकाबला से बचना चाह रही है ।

जमीनी स्तर पर मिले फीडबैक के बाद भाजपा को लगने लगा है कि समीर महंती या कुणाल सारंगी वर्तमान में बेहतर प्रत्याशी साबित हो सकते है । कुणाल सारंगी भाजपा छोड़ने के बाद किसी पार्टी में अभी तक शामिल नहीं हुए है । वे अभी वेट एंड वॉच की स्तिथि में है । कुणाल सारंगी अभी सबसे मुश्किल हालात में है क्योंकि कल्पना सोरेन ने अभी बहरागोड़ा में हुए कार्यक्रम में समीर महंती की मंच पर से खूब तारीफ की थी।  कुणाल को लगने लगा है कि जेएमएम शायद ही अब समीर महंती का टिकट काटेगी । अगर कुणाल की बात जेएमएम से नहीं बन पाती है तो उनके पास भाजपा फिर से एक विकल्प के रूप में होगी । अंदरखाने खबर है कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने भी उनके लिए अभी सभी दरवाजे बंद नहीं किए है । कुणाल सारंगी की सांसद विद्युत वरण महतो और दिनेशानंद गोस्वामी से मनमुटाव की खबरे भाजपा आलाकमान को भी है ।

सबसे बड़ा चौंकाने वाला नाम पूर्व सांसद आभा महतो का हो सकता है । आभा महतो की सक्रियता हाल के दिनों में पूर्वी सिंहभूम की राजनीति में बढ़ी है । भाजपा के पास भी विद्युत वरण महतो के अलावा और कोई बड़ा महतो नेता नहीं है । इसका फायदा पार्टी उठाना चाहती है । आभा महतो भाजपा के टिकट से जमशेदपुर लोकसभा से दो बार सांसद रह चुकी है । जिले में उनकी पहचान सभी क्षेत्रों में है । जेएमएम से अगर समीर महंती ही लड़ते है तो भाजपा महिला प्रत्याशी को उतार करके क्षेत्र का नेरेटिव बदल सकती है । सबसे बड़ी बात दिनेशानंद गोस्वामी और कुणाल सारंगी की लड़ाई से होने वाले नुकसान की भरपाई भी कर सकती है।

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