जमशेदपुर स्तिथ बागबेड़ा_डी. बी.रोड मुख्य सड़क कूड़ा_कचड़ों के बीच में है या कूड़ा और कचड़ा ही सड़क है । वैसे तो बागबेड़ा के अवैध बस्तियों के कारण यह क्षेत्र अब गंदगी का भंडार ही बन गया है । स्टेशन से डी.रोड.जाने वाली मुख्य सड़क पर रोजाना हजारों लोग आना जाना करते है । पहले यह क्षेत्र एक स्वच्छ क्षेत्र के रूप में गिना जाता था । जैसे जैसे छुटभैया नेताओं की क्षेत्र में वृद्धि हुई वैसे ही रेलवे की जमीन पर अवैध बस्तियां बस गई। सरकार ने भी इसे खूब बढ़ावा दिया और अवैध बस्तियों को बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराने का काम किया ।
अब इन क्षेत्रों के कारण ही स्टेशन से लेकर बड़ौदा घाट तक जाने वाली मुख्य सड़क पर कूड़ा और कचड़ा ही चारों और दिखाई पड़ता है । सबसे ज्यादा गंदगी का पहाड़ मजार के सामने मुख्य सड़कों पर लगा हुआ है । यहां तो हालत यह है कि आधी से ज्यादा सड़क को कूड़ा और कचड़ा से पाट दिया गया है । यहां से गुजरना मुश्किल है । बजबजाती गंदगी और उड़ते कीड़े मकोड़े ने अब राहगीरों का जीना मुहाल कर दिया है ।
सड़क पर अतिक्रमण करके बैठे सब्जी वाले अपना पूरा कचड़ा इसी मुख्य सड़क पर डाल कर चले जाते है । आमने सामने की पूरी बस्ती के घरों का कचड़ा भी यही मुख्य सड़क पर लोग डाल के अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो जाते है । अगर आने वाले दिनों में यहां गंदगी और बरसात जनित बीमारियों से लोग गंभीर रूप से बीमार होने लगे तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी ।
पंचायत स्तर पर कई बार जिला पार्षद कविता परमार द्वारा इसे साफ कराया गया है लेकिन एक सप्ताह के अंदर फिर से बस्तीवासी और सब्जी वाले मुख्य सड़क पर कचड़ा डाल कर इसे गंदा करने ही खुश होते है ।
पंचायतों के पास इस तरह की मानव जनित समस्या के लिए फंड नहीं होते है कि लोग जानबूझ कर समस्या उत्पन्न करे और पंचायतें उसका समाधान करे । स्थानीय पुलिस को इस पर करवाई करनी चाहिए ताकि लोग इस तरह मुख्य सड़क पर गंदगी नहीं डाले ।
सरकार अगर इस तरह की छोटी छोटी समस्या का समाधान नहीं कर सकती है तो इस क्षेत्र को नगरपालिका बनाएं ताकि शहरी निकाय की मूलभूत सुविधाएं आमजन को मिल सके । भारत में पंचायत व्यवस्था लूट का अड्डा है जिसकी कड़ी मुखिया होते है । सुंदरनगर, परसुडीह, गोविंदपुर, बागबेड़ा आदि क्षेत्रों को नगरपालिका बनाने की प्रक्रिया सरकार को प्रारंभ करनी चाहिए ताकि इस तरह की गंभीर समस्या से लोगों को मुक्ति मिले ।