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अतिक्रमण से नदियां सिमट गई है

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जमशेदपुर: पिछले दिनों जमशेदपुर में एकाएक बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई थी । सोनारी, बागबेड़ा , कदमा के निचले क्षेत्रों में खरकई और स्वर्णरेखा नदी का पानी निचले क्षेत्रों में बसे लोगों के घरों में घुस गया था । इससे काफी लोगों का नुकसान हुआ है । फ्लैट में रहने वाले लोगों के पार्किंग एरिया में रखे कार तक डूब गए थे । बागबेड़ा में स्थिति और विकट हो गई थी । यहां लोगों के घरों में पानी घुस जाने से उनका काफी नुकसान हुआ है । एनडीआरएफ की टीम ने मौके पर आकर लोगों की जान बचाने का काम किया था ।

सवाल उठना लाजिमी है कि आखिरकार बारिश के समय में शहर में बाढ़ जैसी स्थिति क्यों उत्पन्न हो रही है । इसका सबसे बड़ा कारण है लोगों द्वारा नदी क्षेत्रों का अतिक्रमण करके घर बना लेना । बागबेड़ा के आसपास सरकारी जमीनों का अतिक्रमण करके लोगों ने आलीशान मकान बना लिए है । यह सब स्थानीय नेता और तंत्र की विफलता का परिणाम है । स्थानीय नेताओं ने क्षेत्र की सरकारी जमीनों को घेर कर बस्तियां बसा दी है । लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि जब अतिक्रमण हो रहा था तब स्थानीय अंचल कार्यालय क्या कर रहा था ?

अतिक्रमण के कारण नदी के पानी को निकलने के लिए जो पर्याप्त जगह चाहिए वह नहीं मिल पा रहा है । सबसे बड़ी विडंबना है कि जब बाढ़ आती है तो सरकारी स्तर पर सिर्फ खानापूर्ति कर दी जाती है । इसका स्थाई समाधान नहीं निकाला जाता है । अब तो एक दिन कि बारिश में बाढ़ जैसी हालात हो जाती है । अगर हम आज भी नहीं सुधरेंगे तो प्रकृति एक दिन जल में ही लोगों के जीवन को लील लेगी ।

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