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महिलाओं में कमर दर्द: कारण और उपाय

Back pain in women : Reason and treatment at home

 आजकल जब महिलायें घर और बाहर दोनों स्थानों पर मोर्चा संभाल रही हैं तब उनके पास स्वयं केलिए पर्याप्त समय नहीं होता है। आमतौर पर देखा गया है कि अधिकांश महिलायें कमर दर्द की समस्या के कारण परेशान रहती हैं ।ट्रेनों मे सफर करना , पूरे दिन एक ही जगह पर बैठकर काम करना , काम और घर का तनाव, कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं महिलाओं को कमर दर्द की ओर अनायास की ढकेल देती हैं । जिन पर वे तब तक ध्यान नहीं देतीं  जब तक समस्या असहनीय नहीं हो जाती । महिलाओं में कमर दर्द का अनुभव करना एक बड़ी समस्या है, और इसके कई कारण हो सकते हैं। आमतौर पर इसके निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:

  1. हार्मोनल परिवर्तन
    • मासिक धर्म: मासिक धर्म के दौरान हार्मोनल परिवर्तन के कारण पीठ और कमर में दर्द हो सकता है।
    • गर्भावस्था: गर्भावस्था के दौरान वजन में वृद्धि और हार्मोनल बदलाव के कारण कमर दर्द होना आम बात है।
    • रजोनिवृत्ति: इस दौरान हार्मोनल परिवर्तन और हड्डियों की कमजोरी (ऑस्टियोपोरोसिस) भी कमर दर्द का कारण बन सकते हैं।
  2. मांसपेशियों और जोड़ संबंधित समस्याएं
    • मांसपेशियों का खिंचाव: भारी वजन उठाने या अचानक किसी भारी कार्य करने से मांसपेशियों में खिंचाव हो सकता है।
    • स्पॉन्डिलाइटिस: यह एक स्थिती है जिसमें रीढ़ की हड्डी में सूजन आ जाती है, जिससे कमर दर्द होता है।
  3. गलत मुद्रा
    • बैठने और खड़े होने की गलत मुद्रा: लंबे समय तक गलत मुद्रा में बैठना या खड़े रहना भी कमर दर्द का एक प्रमुख कारण है।
  4. प्रजनन तंत्र संबंधी समस्याएं
    • एंडोमेट्रियोसिस: यह स्थिति तब होती है जब गर्भाशय की अंदरूनी परत गर्भाशय के बाहर बढ़ती है, जिससे कमर दर्द हो सकता है।
    • फाइब्रॉएड्स: गर्भाशय में फाइब्रॉएड्स होने से भी कमर दर्द हो सकता है।
  5. मानसिक तनाव
    • तनाव और चिंता: मानसिक तनाव और चिंता मांसपेशियों में तनाव पैदा कर सकते हैं, जिससे कमर दर्द हो सकता है।
  6. अन्य कारण
    • वजन बढ़ना: अधिक वजन होने से रीढ़ की हड्डी पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे कमर दर्द हो सकता है।
    • जीवनशैली: शारीरिक गतिविधि की कमी, लंबे समय तक बैठना, और अस्वास्थ्यकर जीवनशैली भी कमर दर्द का कारण बन सकते हैं।

कमर दर्द से बचने के उपाय

  1. सही मुद्रा अपनाएं: सही तरीके से बैठें, खड़े हों और सोएं। रीढ़ की हड्डी को सहारा देने वाले गद्दे और कुर्सी का उपयोग करें।
  2. व्यायाम: नियमित रूप से व्यायाम करें, विशेष रूप से स्ट्रेचिंग और कोर मांसपेशियों को मजबूत करने वाले व्यायाम।
  3. वजन को नियंत्रित रखें: स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम के माध्यम से अपने वजन को नियंत्रित रखें।
  4. स्ट्रेस को मैनेज करें: ध्यान, योग और अन्य तनाव प्रबंधन तकनीकों का अभ्यास करें।
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