हल्दी, जिसे कर्क्यूमिन (Curcumin) के रूप में भी जाना जाता है, एक प्रमुख भारतीय मसाला है जिसके कई औषधीय गुण होते हैं। हमरे घरों में रसोई में हल्दी जरूर उपलब्ध होती है क्योंकि खाने की हर रेसिपी में हल्दी का इस्तेमाल अवश्य किया जाता है। हल्दी को प्राचीन समय से एक औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता रहा है । हमारी दादी नानी के नुस्खों में हल्दी के इस्तेमाल का उल्लेख प्रमुखता से मिलता है।
- एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण: हल्दी में कर्क्यूमिन नामक सक्रिय यौगिक होता है जो सूजन को कम करने में सहायक है।
- एंटीऑक्सीडेंट गुण: यह शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है।
- एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण: हल्दी संक्रमण से लड़ने में मदद करती है।
- पाचन में सुधार: यह पाचन तंत्र को सुचारू रूप से कार्य करने में सहायता करती है।
- घाव भरने में सहायक: हल्दी का उपयोग त्वचा के घावों और चोटों को जल्दी भरने के लिए किया जाता है।
सर्दी और खांसी में हल्दी से उपचार के तरीके
- हल्दी वाला दूध (गोल्डन मिल्क)
- सामग्री: एक गिलास दूध, एक चम्मच हल्दी, एक चम्मच शहद (वैकल्पिक)
- विधि: दूध को गरम करें और उसमें हल्दी मिलाएं। अच्छे से मिलाकर रात को सोने से पहले पिएं। यह गले की खराश और खांसी में राहत दिलाता है।
- हल्दी और शहद का पेस्ट
- सामग्री: एक चम्मच हल्दी पाउडर, एक चम्मच शहद
- विधि: हल्दी और शहद को मिलाकर पेस्ट बनाएं। इसे दिन में 2-3 बार सेवन करें। यह मिश्रण खांसी में राहत प्रदान करता है।
- हल्दी और अदरक की चाय
- सामग्री: एक चम्मच हल्दी पाउडर, एक छोटा टुकड़ा अदरक, एक कप पानी, शहद (वैकल्पिक)
- विधि: पानी में अदरक और हल्दी डालकर उबालें। इसे छानकर शहद मिलाएं और दिन में 2 बार पिएं। यह सर्दी और खांसी में फायदेमंद होती है।
- भाप (Steam) में हल्दी का उपयोग
- सामग्री: एक बर्तन में पानी, एक चम्मच हल्दी
- विधि: पानी में हल्दी मिलाकर उबालें और भाप लें। यह नाक की बंदी और गले की खराश में राहत दिलाता है।
- हल्दी और नमक के गरारे
- सामग्री: एक गिलास गुनगुना पानी, आधा चम्मच हल्दी, आधा चम्मच नमक
- विधि: पानी में हल्दी और नमक मिलाकर गरारे करें। यह गले की सूजन और दर्द में आराम दिलाता है।